NOT KNOWN DETAILS ABOUT SHIV CHAISA

Not known Details About Shiv chaisa

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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

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नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर

जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने more info के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी ।

वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

In moments for instance these exactly where daily life has become so quick that we barely find the perfect time to pray, Shiva Chalisa arrives shiv chalisa lyricsl being a blessing for all of shiv chalisa lyricsl us.

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